स्टिस रमना की बेंच ने कहा- विधायक 5 दिसंबर को होने वाला उपचुनाव लड़ सकते हैं, अगर वे जीतते हैं तो मंत्री भी बन सकते हैं
29 जुलाई को पूर्व स्पीकर रमेश कुमार ने तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के फ्लोर टेस्ट के दौरान 17 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया
ये विधायक विश्वासमत के दौरान गैरहाजिर रहे, जिससे कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिर गई, इसके बाद भाजपा की सरकार बनी
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कर्नाटक के 17 अयोग्य विधायकों की याचिका पर फैसला सुना दिया। कोर्ट ने पूर्व विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार के विधायकों को अयोग्य ठहराने के फैसले को सही बताया। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने स्पीकर के उस आदेश को गलत ठहराया, जिसमें उन्होंने विधायकों को कर्नाटक विधानसभा के पूरे कार्यकाल के लिए ही अयोग्य ठहरा दिया था। जस्टिस रमना की बेंच ने कहा कि विधायक 5 दिसंबर को होने वाला उपचुनाव लड़ सकते हैं। अगर वे जीतते हैं तो मंत्री भी बन सकते हैं। जस्टिस रमना ने यह भी कहा कि लोगों को स्थायी सरकार से वंचित नहीं किया जा सकता।
29 जुलाई को रमेश कुमार ने तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के फ्लोर टेस्ट के दौरान 17 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया था। ये सभी विधायक विश्वासमत के दौरान गैरहाजिर रहे, जिससे कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिर गई थी। इसके बाद राज्य में भाजपा की सरकार बनी।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने न्यूज एजेंसी से कहा- अयोग्य करार दिए गए 17 विधायक कल भाजपा में शामिल होंगे। इससे पहले विधायकों के भाजपा में शामिल होने के सवाल पर येदियुरप्पा ने कहा था कि शाम तक इंतजार करें। मैं उन नेताओं और पार्टी आलाकमान से बात करूंगा। इसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।
5 दिसंबर को रिक्त सीटों पर उपचुनाव
अयोग्य करार दिए गए 17 विधायकों में से 15 सीटों पर 5 दिसंबर को चुनाव होना है। पहले इन 15 सीटों पर 21 अक्टूबर को चुनाव होना था, लेकिन विधायकों को अयोग्य करार देने से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित था। इसके चलते चुनाव आयोग ने मतदान की तारीखों को 5 दिसंबर तक टाल दिया था।
अयोग्य घोषित विधायकों में 14 कांग्रेस और 3 जदयू के
अयोग्य घोषित विधायकों ने 29 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। जिन विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया है, उनमें कांग्रेस के प्रताप गौडा पाटिल, बीसी पाटिल, शिवराम हैब्बर, एसटी सोमशेखर, ब्यराति बासवराज, आनंद सिंह, आर रोशन बेग, मुनिरत्ना, के सुधाकर, एमटीबी नागराज, श्रीमंत पाटिल, रमेश जार्किहोली, महेश कुमाताहल्ली और आर शंकर शामिल हैं। वहीं जेडीएस से एएच विश्वनाथ, गोपालैया और नारायण गौड़ा का नाम भी सूची में शामिल है।
कर्नाटक में सीटों का गणित
कर्नाटक में कुल 224 सीटें हैं। 17 विधायकों को अयोग्य ठहराने के बाद विधानसभा सीटें 207 रह गईं। इस लिहाज से बहुमत के लिए 104 सीटों की जरूरत थी। भाजपा (105) ने एक निर्दलीय के समर्थन से सरकार बना ली।
15 सीटों पर 5 दिसंबर को उपचुनाव कराए जाएंगे। दो सीटों मस्की और राजराजेश्वरी नगर पर कर्नाटक हाईकोर्ट में मामला लंबित है, लिहाजा यहां चुनाव नहीं होंगे। 15 सीटों पर चुनाव होने के बाद विधानसभा में 222 सीटें हो जाएंगी। उस स्थिति में बहुमत का आंकड़ा 111 हो जाएगा। भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए कम से कम 6 सीटों की जरूरत होगी।
कुल सीटें : 224 सीटें
17 विधायकों को अयोग्य करार देने के बाद सीटें : 207
इसके बाद सरकार बनाने के लिए जरूरी : 104
भाजपा+ : 106
कांग्रेस : 66
जेडीएस : 34
बसपा : 1
उपचुनाव के बाद
15 सीटों पर चुनाव के बाद विधानसभा में सीटें : 222
तब बहुमत का आंकड़ा : 111
भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए जरूरी : 6 सीटें